

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई
तेहरान: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई से जुड़ी एक बड़ी खबर मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आई है। खामेनेई ने आज राष्ट्र को संबोधित किया था लेकिन उनके संबोधन के फौरन बाद इजरायल ने तेहरान पर हवाई हमला किया। इजरायल ने ये हवाई हमला तेहरान के लवीजान इलाके में किया। ऐसा माना जाता है कि लवीजान वो इलाका है, जो खामेनेई का गुप्त ठिकाना रहा है। ऐसे में ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या इजरायल ने खामेनेई को निशाना बनाकर ये हमला किया या फिर इजरायल इस हमले के जरिए खामेनेई को कोई संदेश देना चाहता है?
ईरान ने सरेंडर करने से मना किया
इससे पहले ईरान के सुप्रीम लीडर ने बुधवार को इजरायल के भीषण हमलों के सामने आत्मसमर्पण करने के अमेरिकी आह्वान को खारिज कर दिया और चेतावनी दी कि अमेरिकियों की किसी भी सैन्य भागीदारी से उन्हें अपूरणीय क्षति होगी। छह दिन पहले इजरायली हमले शुरू होने के बाद से अयातुल्ला अली खामेनेई की ये दूसरी सार्वजनिक उपस्थिति है।
खामेनेई का यह भाषण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट में “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग करने के एक दिन बाद आया है। ट्रंप ने खामेनेई को चेतावनी दी थी कि अमेरिका जानता है कि वह कहां है, लेकिन उसे मारने की कोई योजना नहीं है, “कम से कम अभी के लिए तो नहीं।”
ट्रम्प ने शुक्रवार को इजरायल के अचानक हमले से खुद को दूर रखा, जिससे संघर्ष शुरू हो गया, लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने अमेरिका की अधिक भागीदारी का संकेत देते हुए कहा कि वह युद्ध विराम से कहीं अधिक कुछ बड़ा चाहते हैं। अमेरिका ने इस क्षेत्र में अधिक सैन्य विमान और युद्धपोत भी भेजे हैं।
खामेनेई ने ट्रंप के धमकी भरे और बेतुके बयानों को खारिज कर दिया और साफ कर दिया कि ईरानी राष्ट्र आत्मसमर्पण करने वाला नहीं है। उन्होंने वीडियो में कहा, “ईरान, उसके लोगों और उसके इतिहास को जानने वाले बुद्धिमान व्यक्ति इस राष्ट्र से कभी भी धमकी की भाषा में बात नहीं करते हैं, क्योंकि ईरानी राष्ट्र आत्मसमर्पण करने वाला नहीं है।” उन्होंने कहा कि अमेरिकियों को यह पता होना चाहिए कि अमेरिका की किसी भी सैन्य भागीदारी से निस्संदेह उन्हें अपूरणीय क्षति होगी।
अमेरिका के आगे नहीं झुका ईरान
ईरान की तरफ से एक्स हैंडल पर पोस्ट किया गया, ‘किसी भी ईरानी अधिकारी ने कभी व्हाइट हाउस के दरवाज़े पर गिड़गिड़ाने की मांग नहीं की है। उनके झूठ से ज़्यादा घृणित बात सिर्फ़ ईरान के सर्वोच्च नेता को “हटा देने” की उनकी कायरतापूर्ण धमकी है। ईरान दबाव में बातचीत नहीं करता, दबाव में शांति स्वीकार नहीं करेगा, और निश्चित रूप से प्रासंगिकता से चिपके हुए युद्ध-प्रेमी के साथ नहीं। ईरान किसी भी खतरे का जवाब जवाबी धमकी से देगा, और किसी भी कार्रवाई का जवाबी उपायों से देगा।’